ek kavita

कोई नही है पास मेरे

मेरा अपना कोई नही

सब बेगाने है इस दुनिया में

अपना सहारा कोई नही

अब ज़िन्दगी भी कटती नही क्या करे

और मौत भी हमारे बस में नही

 

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